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Blog52:

"सन्डे स्पेशल हिन्दी ब्लॉग"


एनीमिक हैं तो खाएं केला

शरीर की थकान मिटाने के लिए केला जादुई फल है। यह थकान तुरन्त दूर करता है तथा ऊर्जा प्रदान करता है। केला एक ऐसा फल है, हर जगह मिल जाता है और हर मौसम में मिल जाता है। साथ ही ये अन्य कई फलों की तुलना में काफी सस्ता भी होता है जिस कारण ये हर कोई इसे खरीद सकता है।  केला आसानी से पचता है और इससे इंस्टेंट एनर्जी मिलती है। यह मैग्नेशियम का अच्छा स्रोत है इसलिए यह बहुत जल्दी पच जाता है और शरीर का मेटबॉलिज्म दुरुस्त करता है। इनमें मौजूद खनिज लवण और विटामिन्स शरीर को भरपूर एनर्जी देते है। केले में मैग्नीशियम, फोलिक एसिड, नियासिन, थायमिन और राइबोफ्लेविन तत्व होते है। इनमें पोटैशियम और विटामिन बी 6 होता हैै, इसलिए केले को एनर्जी का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है। साथ ही इसमें पानी की मात्रा 64.3 प्रतिशत, प्रोटीन 1.3 प्रतिशत, कार्बोहाईड्रेट 24.7 प्रतिशत तथा चिकनाई 8.3 प्रतिशत होती है।  ✓ अगर आप शारीरिक श्रम, खेल या वर्कआउट से जुड़ी हैं, तो केले को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। आप रोज दो केला डाइट में ले सकते है। इनमें फाइबर भी होता हैै, जिससे भूख का एहसास भी कम होता हैै। यह ब्लड प्रेशर

Blog50:

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लिवर रहे दुरुस्त, सेहत बने तंदुरुस्त

लिवर को यकृ‍त के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी ग्रंथि है। लिवर का काम शरीर में पित्‍त का निर्माण करना है। सरल ढंग से इसकी कार्य प्रणाली को कुछ इस ढंग से समझा जा सकता है कि हम जो कुछ भी खाते हैं, वह पहले आंतों में जाता है। वहां मौज़ूद एंजाइम्स भोजन को बारीक कणों में परिवर्तित कर देते हैं। इसके बाद आंतों से यह आधा पचा हुआ भोजन लिवर में जाकर स्टोर होता है। हमारे शरीर का यह महत्वपूर्ण अंग उस केमिकल फैक्ट्री की तरह होता है, जो अधपचे भोजन के बारीक कणों में से पोषक तत्वों को छांट कर अलग करता है और रक्त प्रवाह के साथ सभी विटमिंस और माइक्रोन्यूट्रीएंट्स हमारे उन अंगों तक पहुंचते हैं, जहां उनकी ज़रूरत होती है। यह उन विषैले तत्वों को अलग करता है, जो पानी में घुलनशील होते हैं। फिर यह उन्हें किडनी में भेज देता है। इस तरह वे हानिकारक तत्व यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा जो अवशेष पानी में घुलने के योग्य नहीं होता, वह लिवर से मलाशय में चला जाता है और स्टूल के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है। इतना ही नहीं, हम जो भी दवाएं खाते हैं, लिवर उसके विषैले

Blog46:

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कोलेस्टेरॉल जानें समझे और बचें

आजकल हमारी जीवनशैली इतनी ज्यादा बदल गई है, कि हम अपने खान पान पर ध्यान ही नहीं देते है, और शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है। कोलेस्ट्रोल एक बहुत आम समस्या है और ये हमारे देश में बहुतो को अपनी चपेट में लिए हुए है। क्या है कोलेस्टेरॉल? कोलेस्ट्रॉल एक वसा है, जो लिवर द्वारा उत्पन्न होती है। यह शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए जरूरी है। हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका को जीवित रहने के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है। कोलेस्ट्रॉल मोम जैसा चिकना पदार्थ है, जो ब्लड प्लाज्मा द्वारा शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है, एलडीएल (लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन) और  एचडीएल (हाई डेन्सिटी लिपोप्रोटीन)। शरीर में यदि बैड कोलेस्‍ट्रॉल यानी एलडीएल बढ़ जाए तो दिल संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं। धमनियों का बंद होना ऐसी समस्या है जो कई बार जानलेवा साबित हो सकती है। धमनियों या आर्टरीज का मुख्य काम दिल के द्वारा पंप किए हुए खून को शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचाना है। खून के साथ ही ये धमनियां सभी अंगों तक ऑक्सीजन भी पहुंचाती हैं। धमनियों के बंद होने का मुख्

Blog45:

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महिलाओं के लिए आवश्यक 10 पोषक तत्व

हम सभी के शरीर में पोषक तत्वों की आवश्यकता एक समान नही होती है, खासतौर पर महिलाओं की क्यूंकि एक स्त्री के संपूर्ण जीवन में पुरुषो की अपेक्षा उनके शरीर में अनेक बदलाव आते है। आइएं जानें ऐसे 10 पोषक तत्वों के बारें में जो एक महिला के लिए जरुरी हैं। 1. फोलिक एसिड (Folic Acid): यह तत्व एक महिला के जीवन में बहुत लाभ देता है, खासकर जब वह माँ बनने वाली हो। यह तत्व अति आवश्यक है क्योकि ये स्वस्थ गर्भावस्था में सहायक होता है। फोलिक एसिड की कमी से न्यूरल ट्यूब की खराबी हो सकती है। फोलिक एसिड की गोली के अलावा ये हरी सब्जी, एवोकाडो और लीवर में पाया जाता है। 2. लोहा पदार्थ (Iron): इसकी कमी यदि हमारे शरीर में हो जाये तो थकान, नीदं  न आना, एकाग्रता की कमी उत्पन्त्र हो जाते है। महिला के शरीर से प्रति माह, माहवारी के दौरान रक्त की कमी हो जाती है। इससे शरीर में लोह तत्व की कमी हो जाती है क्योकि हमारे शरीर में ये तत्व रक्त में पाया जाता है और रक्त द्रारा इसका पूरे शरीर में संचार होता है। ये तत्व लाल मिट,  पालक,  ब्रोक्कोली, राजमा या किडनी बींस तथा लीवर में पाया जाता है। 3. कैल्सियम

Blog38:

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सर्दियों में शरीर को दे कुछ एक्स्ट्रा

सर्दियों में हम ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा लेते है, ये सिर्फ हमें बाहर से गर्म रखते है। जबकि सर्दियों में खुद को भीतर से भी गर्म रखना जरूरी है। ठंड में शरीर को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है, तो डाइट में हमें उन चीज़ों को शामिल करना चाहिए जो ना ही हमारे शरीर को गर्म रखने के साथ साथ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करें। 1. मौसम के अनुरूप आहार ले। ठंड में प्रोटीन और फाइबर युक्त चीजें ज्यादा खाएं। फल और सब्जियों से भी समझौता ना करे। 2. मेवे तो हम हर मौसम में खा सकते है, पर ठंड में ये और ज्यादा प्रभावी हो जाते है। बादाम, अखरोट, काजू, मुनक्का जैसे सूखे मेवे सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करते है। ये बहुत ही पौष्टिक होते है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते है। सर्दियों में सूखे मेवे सुबह लेने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है। आप मेवे का हलवा बना के भी खा सकते है। 3. ठंड के मौसम में शरीर के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है। इससे शरीर को गर्मी मिलती है, अगर आप शाकाहारी है  तो आप अपनी डाइट में मटर, दाल, राजमा, ओट्स, बीन्स, तरह - तरह के बीज, रागी, पनीर

Blog35:

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खजूर के फायदे.

खजूर एक पौष्टिक मेवा है। खजूर 2 प्रकार के होते हैं- खजूर और पिण्ड खजूर। पिण्ड खजूर का फल खजूर के फल से अधिक गूदेदार व काफी बड़ा होता है। यही फल सूखने पर छुहारा कहलाता है। खजूर में विटामिन (ए, बी, सी ), फास्फोरस, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, प्रोटीन और काबोहाइड्रेट पाया जाता है। खजूर पौष्टिक व शक्तिवर्धक होता है। इसका सेवन करने  हम बहुत सी परेशानियों से छुटकारा पा सकते है। आइए जानते है इसके कुछ फायदे : 1. इसमें पोटैशियम होता है जो कोलेस्टेरॉल को घटाने में मददगार होता है। इस दृष्टि से खजूर हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट पेशेंट के लिए लाभप्रद होता है। 2. आयरन सहित खनिज लवणों का भंडार होने के कारण ये एनेमिया (खून की कमी) से बचाता है। 3. खजूर रोज खाने से कब्ज की शिकायत दूर होती है। इसमें मौजूद फाइबर अपच और कब्ज दोनों को मिटाता है। 4. पौष्टिक होने के कारण प्रेग्नेंसी में होने वाली कई परेशानियों को भी दूर करता है।  आयरन से भरपूर खजूर मां और होने वाले बच्‍चे दोनों के लिए बेहद उपयोगी है। खजूर में मौजूद पोषक तत्‍व यूट्रेस यानी कि गर्भाशय की मांसपेश‍ियों को मजबूती देने का काम भी करते है

Blog24:

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पेट को स्वस्थ रखने के उपाय

"अगर किसी व्यक्ति का पेट सही है यानि कि उसकी पाचन क्रिया सही है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है।"  पेट की ज्यादातर समस्याएं आपके खान-पान से जुड़ी होती हैं। पेट में गैस बनना, कब्ज, एसिडिटी, हार्ट बर्न, पेट दर्द, छाल आदि सभी का कारण आपके खान-पान की गड़बड़ी है। खास बात ये है कि शरीर की बाकी दूसरी समस्याओं का कारण आपके पेट की समस्या होती है। इसलिए अगर आपका पेट स्वस्थ है, तो आपका स्वास्थ्य भी अच्छा होता है। अगर आप भी भोजन को ठीक से नहीं पचा पाते हैं, बार-बार पेट में गैस बनती है या शौच में आधा-एक घंटा लगाने के बाद भी पेट साफ नहीं होता है, तो सावधान हो जाएं। आइए जानते है कुछ आसान तरीके जिनसे पेट की हर समस्या से छुटकारा मिल जाएगा- 1.  रोज सुबह उठकर एक गिलास  गुनगुना पानी   पीना चाहिए। इससे कब्ज़ की समस्या दूर होती है। 2.  प्रतिदिन अपनी डाइट में  मौसमी  फल और सब्जियों को जरूर शामिल करें। कोशिश करें कि ऐसी फल और सब्जियां खाएं जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक हो। 3.  आहार में  सब्जियों  को करें शामिल। सब्जियों में  हरी सब्जियां, गाजर, लौकी  और  सलाद