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"सन्डे स्पेशल हिन्दी ब्लॉग"


कोलेस्टेरॉल जानें समझे और बचें

आजकल हमारी जीवनशैली इतनी ज्यादा बदल गई है, कि हम अपने खान पान पर ध्यान ही नहीं देते है, और शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है। कोलेस्ट्रोल एक बहुत आम समस्या है और ये हमारे देश में बहुतो को अपनी चपेट में लिए हुए है।
क्या है कोलेस्टेरॉल?
कोलेस्ट्रॉल एक वसा है, जो लिवर द्वारा उत्पन्न होती है। यह शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए जरूरी है। हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका को जीवित रहने के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है। कोलेस्ट्रॉल मोम जैसा चिकना पदार्थ है, जो ब्लड प्लाज्मा द्वारा शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुंचता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है, एलडीएल (लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन) और  एचडीएल (हाई डेन्सिटी लिपोप्रोटीन)।
शरीर में यदि बैड कोलेस्‍ट्रॉल यानी एलडीएल बढ़ जाए तो दिल संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं। धमनियों का बंद होना ऐसी समस्या है जो कई बार जानलेवा साबित हो सकती है। धमनियों या आर्टरीज का मुख्य काम दिल के द्वारा पंप किए हुए खून को शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचाना है। खून के साथ ही ये धमनियां सभी अंगों तक ऑक्सीजन भी पहुंचाती हैं। धमनियों के बंद होने का मुख्य कारण इसमें जमने वाला प्लाक होता है, जो गलत खान-पान और गलत जीवनशैली के कारण होता है। धमनियों के बंद होने या संकरा होने से दिल की बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल का बढ़ना रक्त एवं शरीर के लिए नुकसानदेह होता है। भोजन के साथ जो वसा हम लेते हैं, उन्‍हें परिवर्तित कर हमारा शरीर कोलेस्‍ट्रोल का निर्माण करता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने के लिए हमें सीमित मात्रा में वसा का सेवन करना चाहिये। इसके अलावा अपने भोजन सम्‍बन्‍धी आदतों में कुछ सुधार कर हम बैड कोलेस्‍ट्रोल से निजात पा सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर क्या है?
मानव रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 3.6 मिलिमोल्स प्रति लिटर से 7.8 मिलिमोल्स प्रति लिटर के बीच होता है। 6 मिलिमोल्स प्रति लिटर कोलेस्ट्रॉल को उच्च माना जाता है और ऐसी स्थिति में धमनियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है। 7.8 मिलिमोल्स प्रति लीटर से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल को अत्यधिक उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर कहेंगे। इसका उच्च स्तर हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आशंका कई गुना बढ़ा देता है।

कोलेस्ट्रोल बढ़ने का कारण
  • अनुवांशिक
  • सिगरेट शराब का अधिक सेवन करना
  • उम्र के अनुसार शारीरिक कार्य जैसे व्यायाम चहलकदमी का आभाव
  • वसा युक्त भोजन का अधिक सेवन
  • फ़ास्ट फ़ूड का अधिक सेवन
कोलेस्ट्रोल के लक्षण
वैसे इसके लिए आपको कुछ खास लक्षण अपने शरीर में समझ नहीं आयेंगे, लेकिन इसके होने से दूसरी बीमारी होने के चांस बढ़ जाते है। कोलेस्ट्रोल बढ़ने से आपको
  • हाई ब्लडप्रेशर
  • हार्टअटैक
  • डायबटिक
चलिये, जानते हैं कुछ ऐसे फूड्स को अपने आहार में शामिल करके आप धमनियों को साफ और स्वस्थ रख सकते हैं।

1. फाइबर
धमनियों को दुरुस्‍त रखने के लिए फाइबर बहुत फायदेमंद होता है। फाइबर जई, जौ, ब्राउन राइस, रोटी और दाल जैसे सेम, मसूर और मटर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा साबुत अनाज में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, साथ ही साबुत अनाज में पाए जाने वाले वाले मिनरल, प्रोटीन, विटामिन जैसे पदार्थ दिल को स्वस्थ रखते हैं। इसके अलावा घुलनशील फाइबर के सेवन से शरीर में कॉलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है।

2. दालों का सेवन
दालों को सेवन करना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। खराब कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने वाला सबसे अच्‍छा फाइबर दालों में पाया जाता है। इसके अलावा दालों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, फास्फोरस और खनिज तत्व पाये जाते हैं, जो हृदय को स्‍वस्‍थ बनाये रखने में मददगार हैं। अरहर, उड़द, मूंग आदि दालें खाने से एलडीएल कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर बढ़ता नहीं और अगर आपके शरीर में इसका स्‍तर पहले से अधिक है तो इनका सेवन करने से कम होता है।

3. फल और सब्जियां

दिल के लिए स्‍वस्‍थ आहार वह है, जिसमें खूब सारे फल और सब्जियां शामिल हो। साथ ही कोशिश करें कि आप हर तरह के रंगों के फलों और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। जिससे की आपका दिल स्‍वस्‍थ रहें। रंगों से मतलब है कि आप अपने आहार में लाल रंग की चीजें जैसे टमाटर और गाजर का अधिक सेवन करें। हरी सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक करें।

4. मछली

मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो ब्‍लड में ट्राइग्लिसराइड, जो एक प्रकार का फैट है, को कम करता है। यह दिल में सूजन और रक्त के थक्‍के को कम करने में मदद करता है। सालमन, झींगा, ट्यूना आदि प्रकार की मछलियां आपके दिल के लिए अच्छी होती है।

5. विटामिन सी और ई

प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट से युक्त विटामिन सी और ई का सेवन महत्वपूर्ण है। इनके लिए आप स्ट्रॉबेरी, संतरा,पपीता, ब्रोकली का सेवन विटामिन सी के लिए और सूर्यमुखी के बीज, बादाम, अखरोट, मूंगफली और सोयाबीन का सेवन विटामिन ई के लिए करें।

6. ऑलिव ऑयल

ऐसा माना जाता है कि किसी भी प्रकार के तेल का प्रयोग करने से शरीर में एलडीएल यानी बैड कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ता है, जबकि एक तेल ऐसा है जिसके सेवन से शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल नहीं बढ़ेगा और वह है ऑलिव ऑयल। बहुत से लोगों को लगता है कि ऑलिव ऑयल में कैलोरी की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ता है, लेकिन यह वजन को बढ़ने से रोकता है। इसका सेवन करने से भूख भी नियंत्रण में रहती है।

7. बादाम

धमनियों यानी आर्टरीज को साफ रखने के लिए बादाम काफी फायदेमंद होता है। बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है जो बुरे कोलेस्‍टॉल को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। विटामिन और फाइबर प्रदान कर के दिल को स्वस्थ रखता है। इससे हृदय की नलियों में रुकावट कम होती है और इसके प्रयोग से दिल का दौरा होने की आशंका कम हो जाती है।

8. लहसुन 

अनियमित कोलेस्ट्राल के मरीजों को लहसुन का सेवन करना चाहिए। लहसुन का सेवन उनके लिए फायदेमंद रहता है। इसके लिए आप चाहें तो कच्चा या पक्का दोनों तरह के लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये आपके लीवर को कम कोलेस्ट्राल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

9. चाय

कुछ लोग चाय को नापंसद करते हैं, लेकिन क्‍या आपको पता है नियमित रूप से चाय का सेवन करने से कोलेस्‍ट्रॉल नियंत्रित रहता है। ग्रीन-टी हो या ब्‍लैक-टी दोनों ही इस खराब कोलेस्‍ट्रॉल की दुश्‍मन हैं। ग्रीन-टी में कैटेचिन्‍स नामक एंटीऑक्‍सीडेंट पाया जाता है जो कोलेस्‍ट्राल को कम करता है। कैटेचिंस नामक एंटीऑक्‍सीडेंट ब्‍लैक-टी, चॉकलेट और अंगूर में भी पाया जाता है।

इन फूड्स के अलावा पर्याप्‍त मात्रा में पानी पीजिये। नियमित रूप से योग और व्‍यायाम कीजिये। और हृदय सम्‍बन्‍धी किसी भी परेशानी के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें।

धन्यवाद!!

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