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महिलाओं के लिए आवश्यक 10 पोषक तत्व

हम सभी के शरीर में पोषक तत्वों की आवश्यकता एक समान नही होती है, खासतौर पर महिलाओं की क्यूंकि एक स्त्री के संपूर्ण जीवन में पुरुषो की अपेक्षा उनके शरीर में अनेक बदलाव आते है।
आइएं जानें ऐसे 10 पोषक तत्वों के बारें में जो एक महिला के लिए जरुरी हैं।

1. फोलिक एसिड (Folic Acid): यह तत्व एक महिला के जीवन में बहुत लाभ देता है, खासकर जब वह माँ बनने वाली हो। यह तत्व अति आवश्यक है क्योकि ये स्वस्थ गर्भावस्था में सहायक होता है। फोलिक एसिड की कमी से न्यूरल ट्यूब की खराबी हो सकती है। फोलिक एसिड की गोली के अलावा ये हरी सब्जी, एवोकाडो और लीवर में पाया जाता है।
2.लोहा पदार्थ (Iron): इसकी कमी यदि हमारे शरीर में हो जाये तो थकान, नीदं  न आना, एकाग्रता की कमी उत्पन्त्र हो जाते है। महिला के शरीर से प्रति माह, माहवारी के दौरान रक्त की कमी हो जाती है। इससे शरीर में लोह तत्व की कमी हो जाती है क्योकि हमारे शरीर में ये तत्व रक्त में पाया जाता है और रक्त द्रारा इसका पूरे शरीर में संचार होता है। ये तत्व लाल मिट, पालक, ब्रोक्कोली, राजमा या किडनी बींस तथा लीवर में पाया जाता है।
3. कैल्सियम (Calcium): ये एक अति आवश्यक खनिज होता है जो हमारे दांतो तथा हड्डियों को मजबूत रखता है। इसकी जरूरत 35 वर्ष के आस-पास अधिक हो जाती है जब इसकी कमी होने लगती है। कैल्सियम पतले रहने में सहायक है तथा पीएमस के लक्षण को कम करता है। कैल्सियम  के स्रोत है :- बीन्स, दूध, पनीर, बदाम आदि।
4. विटामिन डी (Vitamin D): विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है जो कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता है और हड्डियों को मजबूत रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी कई काठिन्य(multiple sclerosis), संधिशोथ(rheumatoid arthritis) और विभिन्न प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करता है। यह मासिक धर्म सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। यह आपकी दृष्टि की रक्षा करने में भी मदद करता है। इस विटामिन की कमी आपकी हड्डियों को कमजोर कर देती है जो ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकती हैं। दिन में 15 मिनट के लिए ली गई सूर्य की रोशनी आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी दे सकती है। इसके अलावा आप मशरूम, मछली, दूध और अंडे जैसे विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खा सकते हैं।
5. मैगनिसियम (Magnesium): मैगनिसियम हमारे शरीर की रासायनिक प्रतिक्रिया में सहायक होता है। ये पोषक तत्व हमारी नाड़ियो तथा मांसपेशियों को मजबूती देता है इससे हमे ओस्टपोर्सिस (Osteoporosis) नही होता या उसकी संभावना कम कर देता है। इससे रक्त चाप भी नियंत्रित रहता है। तथा दिल की बीमारीयो से भी दूर रखता है। इसके स्रोत कददू के बीज, पालक, काले बिन्स और बादाम पाये जाते है।
6. वीटामिन ई (Vitamin E): वीटामिन ई मुख्यतः चिकनाई वाले पदार्थो में पाया जाता है। ये तेल, ड्राई फ्रूटस, बीज आदि एंटीऑक्सीडेंट में पाया जाता है। हमारे चारो ओर वायु प्रदूषण, सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणें, ध्रूमपान के कारण जो विकार हमारे शरीर में जन्म लेते है उनसे लड़ने का काम वीटामिन ई करता है। ये हमारी प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूत बनता है और हमारी आखो तथा त्वचा को स्वस्थ रखता है।
7. ओमेगा -3 (Fatty Acids): ओमेगा -3 एक आवश्यक पोषक तत्व है जो प्रत्येक महिला के लिए जरुरी है। ओमेगा -3 की मदद से रक्त चाप कम हो सकता है, सूजन कम होती है तथा क्रोनिक रोगो की संभावना जैसे दिल की बीमारी तथा कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है प्रत्येक महिला के शरीर में 1.1 ग्राम की खुराक में ओमेगा -3 की प्रति दिन आवश्यकता होती है। मछली के तेल जैसे सर्नड्राइज, साल्मन, नोन व्हाइट ट्यूना, हलीबुट आदि मछलीओ में ओमेगा ३ का स्रोत पाया जाता है।
8. पोटेशियम (Potassium): पोटेशियम हमारे शरीर में प्रमुख भूमिका निभाता है। ये सामांतर मसल कॉन्ट्रैक्शन, मसल ट्रांसमिशन तथा फ्लूइड बैलेंस में सहायता करता है। इसके प्रयोग से स्वस्थ हड्डियों का होना, तथा हमारे शरीर में ऊर्जा का उत्पादन पाया जाता है। पोटैशियम का स्रोत सूखे फल, अनाज, सेम, दूध, सब्जियों, चिकन, लाल मिट और मछली जैसे की साल्मन, कौड पाया जाता है। ये दही, शकरकंदी, पालक तथा ब्रोकली में भी पाया जाता है। पोटैशियम युक्त खाने को खाने से दिल की बीमारी, अधिक रक्त चाप, हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। 19 वर्ष की आयु से अधिक महिला को 4,700 gm पोटैशियम की मात्रा प्रतिदिन लेनी चाहिए।
9. विटामिन सी (Vitamin C): विटामिन सी एक प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में जाना जाता है और विटामिन सी के महिलाओं के लिए कई स्वास्थ्य लाभ होता हैं। यह ऊतको के विकास को बढ़ावा देता है, कुछ प्रकार के कैंसर, हृदय रोग और ऊतक क्षति को कम करता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर को सेल डैमेज से बचाता है। विटामिन सी से कोलेजन का उत्पादन बढ़ता है जो हमे एक स्वस्थ त्वचा, स्वस्थ त्वचा की मांसपेशियाँ स्वस्थ ऊतक (Tissue) देता है। 19 वर्ष की आयु से अधिक महिला को 75 gm की मात्रा का विटामिन सी का सेवन रोज करना चाहिए। शिमला मिर्च, ब्रोकली, अंगूर, कीवी, नारंगी, मिर्च, आलू, स्ट्रॉबेरी, स्प्राउट्स और टमाटर आदि में विटामिन सी का स्रोत पाया जाता है।
10. फाइबर (Fiber): फाइबर हमारी पाचन प्रक्रिया में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ग्लूकोज के अवशोषण में भोजन को और सहायता प्रदान करता है। यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। फाइबर महत्वपूर्ण कार्बनिक अम्लों का उत्पादन करता है जो बृहदान्त्र (colon) की परत का पोषण करते हैं। फाइबर भूख लगने की प्रक्रिया को धीमा करता है और हम अधिक खाने से बच जाते हैं। फाइबर की कमी के कारण मोटापे की समस्या होती है। इससे डायबिटीज, दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। फाइबर का सेवन हृदय समस्याओं के खतरे को लगभग 30-40% तक कम करने में मदद करता है। इसलिए अपने आहार में रेशेदार पदार्थों को शामिल करें। यह आपके शरीर को प्रभावित करने वाली लगातार होने वाली बीमारियों को रोकने में भी मदद करेंगे 19-50 वर्ष की महिलाओं को 25 gm फाइबर प्रति दिन लेना चाहिए। 51 वर्ष से अधिक महिलाओं को 21 gm फाइबर प्रतिदिन लेना चाहिए। इसके स्रोत है - मल्टीग्रेन ब्रेड, फल, सब्जियाँ, मटर, रेड राइस, दलिया, किनोआ, राजमा, लोबिया और सोयाबीन आदि। 
विटामिन तथा खनिज युक्त तत्व सभी महिलाओ के लिए अति आवशयक तत्व है। महिलाओं को शारीरिक बदलाव में ये बहुत सहायता प्रदान करते है जो गर्भावस्था, मासिक धर्म, स्तनपान आदि के समय हमारे शरीर की अवस्था का रख रखाव करते है। ये तत्व हमारे खान-पान के पदार्थ में पाये जाते है। केवल सप्लिमेंट का उपयोग इसे पूरा नही करता सप्लिमेंट का उपयोग सिर्फ भोजन को और पोषण बनाने के लिए करना चाहिए।

धन्यवाद !!

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