Skip to main content

Blog81:

"सन्डे स्पेशल हिन्दी ब्लॉग"


उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)

आज की भाग दौड़ भरी जीवनशैली में उच्च रक्तचाप होना सामान्य सी बात हो गई है। ऐसा लगता है कि इससे बचना नामुमकिन है, पर सच्चाई यह नहीं है। ज्यादा नमक और चीनी का सेवन, तनाव, असक्रिय जीवनशैली और धूम्रपान आदि कुछ ऐसे कारक हैं, जो उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ाते हैं। दुर्भाग्यवश बहुत से लोग रक्तचाप की समस्या को गंभीरता से नहीं लेते। उच्च रक्तचाप न सिर्फ दिल की सेहत के लिए नुकसानदेह है, बल्कि इससे किडनी खराब हो सकती है, आंखें खराब हो सकती हैं, पैरालिसिस हो सकता है और साथ ही अन्य कई जानलेवा बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है। बेहतरी इसी में है कि इस बीमारी के जद में आने से पहले ही इससे बचने के उपाय कर लिए  जाएं तो बेहतर है। Read Also: Tips to reduce intake of added sugar
क्या है उच्च रक्तचाप – What is High Blood Pressure (Hypertension)?
जब शरीर की धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है, तो उस स्थिति को उच्च रक्तचाप कहते हैं। ऐसा होने पर रक्त नलिकाओं के फटने का अंदेशा रहता है। साथ ही दिल से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियां और किडनी तक में समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं, अगर इसे समय रहते गंभीरता से न लिया जाए, तो यह साइलंट किलर की तरह काम कर सकता है। सामान्य परिस्थितियों में रक्तचाप 120/80 mmhg होता है। अगर रक्त का दबाव 130/85 या उससे अधिक पहुंच जाए, तो उसे उच्च रक्तचाप कहा जाता है। रक्तचाप को दो तरीके से मापा जाता है : सिस्टोलिक : इसे उच्चतम रीडिंग कहा जाता है। जैसा कि ऊपर हमने बताया कि सामान्य रक्तचाप 120/80 एमएम एचजी होता है, तो इसमें 120 सिस्टोलिक होगा। इसे तब मापा जाता है, जब दिल धड़क रहा होता है। डायस्टोलिक : इसे निचली रीडिंग कहा जाता है। 120/80 mmhg में से 80 को डायस्टोलिक कहा जाता है। इसे तब मापा जाता है, जब दिल की धड़क कुछ पल के लिए शांत होती है। जब रक्तचाप 90/60 होता है, तो इसे निम्न रक्तचाप कहा जाता है। Buy Here: Digital Blood Pressure Machine
रक्तचाप कम करने में सही खानपान की अहम भूमिका होती है। वास्तव में मनुष्य का शरीर प्रतिदिन 200 मिलीग्राम से कम सोडियम खाने पर भी अपना काम सही रूप से कर सकता है। सोडियम की अधिकता से शरीर में पानी ज्यादा मात्रा में इकट्ठा होने लगता है और इसका असर हृदय की कार्यक्षमता पर पड़ता है और रक्तचाप बढ़ जाता है। यही कारण है कि अधिकतर डाइटिशियन कम सोडियम वाली डाइट लेने की सलाह देती हैं, जिसमें सोडियम की मात्रा प्रतिदिन 1100 से 1500 मिलीग्राम (लगभग 1/2 चम्मच) के बीच हो। ऐसे प्रोडक्ट्स से भी सावधान रहें जो सोडियम के स्थान पर पोटैशियम को लेकर प्रोडक्ट में कम सोडियम होने का दावा करते हैं क्योंकि यह और अधिक हानिकारक हो सकता है।
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के लिए कुछ डाइट टिप्स – Diet Tips for High Blood Pressure

  • फाइबरयुक्त भोजन को दें प्रमुखता: फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र को दुरुस्त रखकर रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। कई फलों, मेवों और फलियों जैसे बीन्स, मटर और साबुत अनाजों में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गेहूं, ज्वार, बाजरा, जई, दलिया, स्प्राउट्स, ओट्स, चना, दाल, ब्राउन राइस, हरी सब्जियां, साग, बीन्स, मटर, ओट्स, सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज आदि और ओमेगा-थ्री वाली चीजें जैसे सरसों तेल, बीन्स, बादाम, अखरोट, फिश लीवर ऑयल, फ्लैक्स सीड्स आदि के सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रहता है। इसके अलावा मेथी, लहसुन, हल्दी, आदि भी रक्तचाप नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। Read Also: Eat more fibre
  • डिब्बाबंद खाने से रहें दूर: डिब्बाबंद और रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थों को भी अपने आहार का हिस्सा बनाने से बचें। इस तरह के प्रोडक्ट में ज्यादा मात्रा में नमक और प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो रक्तचाप पर नकारात्मक असर डालते हैं। तैयार मसालों अचार और सरसों का सॉस, चिली सॉस, सोया सॉस, टोमैटो केचप और अन्य सॉस को भी संतुलित मात्रा में ही आहार का हिस्सा बनाएं।
  • कैफीन से बरतें दूरी: कॉफी और अन्य कैफीनयुक्त पेय पदार्थों को लेना कम करने से भी रक्तचाप बढ़ने का खतरा कम हो जाएगा। कैफीन से तंत्रिका तंत्र में उत्तेजना बढ़ती है, जो हृदय गति को बढ़ाकर रक्तचाप भी बढ़ा देता है। हर दिन सिर्फ एक या दो कप कॉफी पीने भर से आपको उच्च रक्तचाप का खतरा हो सकता है।
  • चॉकलेट, चीनी, व अन्य उत्तेजक पदार्थ से बरतें दूरी: कैफीन के अलावा ज्यादा मात्रा में चॉकलेट, चीनी, चीनीयुक्त पेय पदार्थ, कोल्ड ड्रिंक और आहार में उपस्थित अतिरिक्त वसा के सेवन से भी बचें। अगर आपको उच्च रक्तचाप का खतरा है तो बहुत अधिक मांस, दूध के उत्पाद और अंडा आदि खाने की अपेक्षा शाकाहारी आहार लेने की कोशिश करें। अंडे का पीला भाग, रेड मीट, फुल क्रीम दूध और नमक कम खाएं। दिन भर में आधा चम्मच नमक काफी है। तंबाकू का सेवन न करें। स्मोकिंग से नसें सिकुड़ती हैं, जिससे दिल को नुकसान होता है।
  • खाते समय बीच में न करें कच्चे नमक का सेवन: खाने पर ऊपर से नमक छिड़क कर खाने से कई बीमारियों बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है । दरअसल, पकने के बाद नमक में मौजूद आयरन आसानी से एब्जॉर्ब हो जाता है। जबकि, कच्चे नमक के सेवन से शरीर पर प्रेशर पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। Read Also: Tips to improve your digestion
''अगर परिवार में किसी को उच्च रक्तचाप की समस्या है या आप शराब  व सिगरेट पीते हैं तो 25 साल की उम्र से नियमित रूप से रक्तचाप की जांच ध्यान शुरू कराएं। सामान्य लोग 35 साल की उम्र से यह टेस्ट कराएं। पेन किलर और ऐसी दवाएं जिनमें स्टेरॉयड होते हैं, उनसे बचना चाहिए। वैसे कोई भी दवा शुरू करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।''

  • खाने−पीने की अच्छी आदतों के साथ−साथ यदि हम अपनी रोजाना की दिनचर्या पर भी ध्यान दें जैसे रात में जल्दी सोना, सुबह जल्दी उठना, सुबह के समय बिना कुल्ला किए एक लीटर तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना, पूरी तरह भूख लगने पर ही खाना, भूख से थोड़ा कम खाना, खाना खाते समय पानी न पीना व दो घंटे के बाद दो गिलास पानी पीना, खाने को अच्छी तरह से चबा कर खाना, दिन में न सोना, शांत−सहज और खुश रहना, रोजाना नियमित रूप से व्यायाम करना, टहलना, दौड़ना आदि में से सारे नहीं तो कुछ को अपने व्यवहार में लाकर भी उच्च रक्तचाप की परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं।
  • उच्च रक्तचाप को अधिक समय तक नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे धमनियों में जमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है, जिससे धमनियां सख्त हो जाती हैं और उनमें रुकावट आ जाती है। इस स्थिति को एथिरोस्किलरेसिस कहते हैं। इस स्थिति में दिल पर खून पंप करने में ज्यादा जोर पड़ता है और वह कमजोर हो जाता है। अगर ऐथिरोस्क्लेरोसिस दिल को खून सप्लाई करने वाली वाहिनियों में हो जाए तो दिल के उस हिस्से की जिसे वह वाहिनी रक्त की सप्लाई करती हैं, पेशियां मृत हो जाती हैं। इससे पंपिंग की व्यवस्था में गड़बड़ हो जाती है यानी हार्ट अटैक हो जाता है।
  • जब किसी धमनी में मामूली सी रुकावट हो और जरूरत पड़ने पर उससे अधिक खून पंप करना हो तो मुश्किल हो जाती है। जिस प्रकार श्रम या व्यायाम के समय हृदय पेशियों को ज्यादा खून की सप्लाई की जरूरत होती है जिसके न हो पाने पर सीने में तेज दर्द महसूस होता है। इसे एंजाइना कहा जाता है। यह ज्यादा श्रम या तनाव के कारण होता है। इसे खत्म होने में कुछ मिनटों का समय लगता है और आराम करने पर यह ठीक हो जाता है। उच्च रक्तचाप के लक्षण सामने आते ही चिकित्सक से मिलना चाहिए व उसकी सलाह (भोजन, श्रम, दवा आदि) का पालन गंभीरता से करना चाहिए। Read Also: Healthy dinner tips

दवा की तुलना में खानपान के समय व जीवन की दिनचर्या में बदलाव रक्तचाप के इलाज में ज्यादा लाभदायक होता है। उच्च रक्तचाप को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आपके परिवार में भी किसी को यह बीमारी रही है, तो ऐसे में आपके लिए और जागरूक रहना जरूरी है। इसलिए, जितना हो सके अपने खानपान पर ध्यान दें और संतुलित जीवन का आनंद लें। अगर आपके मन में उच्च रक्तचाप को लेकर कोई अन्य शंका है, तो आप हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। हम उसे दूर करने का हर संभव प्रयास करेंगे। आप नीचे दिए कमेंट बॉक्स में अपने अनुभव हमारे साथ साझा कर सकते हैं।
आर्टिकल पसंद आया तो शेयर करना ना भूले, जिससे और भी लोग इस जानकारी का उपयोग कर सके। Buy Here: Digital Blood Pressure Machine 
धन्यवाद!!

Comments

Post a Comment

Popular Posts

Blog67: Good Carbohydrates vs. Bad Carbohydrates

Carbohydrates  are important to fuel source for our body. Cells in our body rely on glucose to carry out their tasks. Nearly 45 to 65 % of our calories are made up of carbs. When daily carbohydrate needs are met, our body stores the extra carbs in the form of glycogen. This helps us stay without food for several hours and at the same time maintain the required blood sugar levels. It is very important to choose the right kind of carbs. Carbs from added sugar are harmful, and one should avoid it, on the other hand, carbs from fruits, vegetables, and other high-fiber sources are good for health. Now have a look at the glycaemic index, some good & bad sources of carbs. What is the glycaemic index? Carbohydrate is an essential part of our diets, but not all carbohydrate foods are equal.  The glycaemic index (GI) is a rating system for foods containing carbohydrates. It shows how quickly each food affects your blood sugar (glucose) level when that food is eaten...

Blog22: A quick guide to Iron

Iron  is an essential mineral. "The major reason we need it is that it helps to transport oxygen throughout the body."  Iron is an important component of   hemoglobin , the substance in red   blood cells   that carries oxygen from your   lungs   to transport it throughout your body. Hemoglobin represents about two-thirds of the body’s iron. If you don't have enough iron, your body can't make enough healthy oxygen-carrying red   blood cells . A lack of red blood cells is called   iron deficiency anemia . IRON DEFICIENCY IS COMMON Iron deficiency is a common health problem. High-risk groups include menstruating women, pregnant and lactating women, babies and toddlers, teenage girls and female athletes. Without intervention, a person whose dietary intake of iron is inadequate to meet their body’s needs will eventually deplete their iron stores and develop iron deficiency anaemia. It is important that you see your doctor if you suspe...

Blog72: Green Tea: Myths and Facts

Green tea  is one of the most popular beverages in the world. Its use begins thousands of years ago in China and gradually, thanks to its health benefits, it spread throughout the world. G reen tea has been used in traditional Indian and Chinese medicine.  Weight loss, cardiovascular benefits, cancer prevention and much more are heard around green tea.  I am going to pinpoint some of the myths and facts about green tea, so when you are bragging about it to your friends and family, at least, you have the right information. #Myth 1:Green tea and black tea are extracted from different plants. Fact : T his myth doesn’t exactly have any impact on your health, but it doesn’t hurt to know the truth. Although green tea is high and mighty compared to the black tea, most people believe that green tea is never even in the shadow of black tea or any other kinds of tea for that matter. People believe every tea plant is different. In reality, there is only one plant...